रायपुर : महाशिवरात्रि पर संगम में डुबकी लगाने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

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हल्की गुलाबी ठंड के बीच महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शुक्रवार तड़के सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने राजिम के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगायी और भोलेनाथ की पूजा की। धर्म के प्रति आस्था का भाव गुरूवार की रात से ही देखने को मिल रहा था। भोलेनाथ महादेव जी के प्रति अटूट भक्ति रखने वाले भक्त तड़के 2 बजे से ही राजिम संगम की धार में डुबकी लगाने पहुंच गए थे। महाशिवरात्रि पर इस पुण्य स्नान को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए तड़के सुबह से लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुगणों ने पुण्य स्नान कर दीपदान किया। पश्चात दर्शनार्थियों की लम्बी लाईन श्री कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर और श्री राजीव लोचन मंदिर, बाबा गरीब नाथ की ओर लग गई। श्रद्धालुगण भगवान के दर्शन करने लाईन में डटे-रहकर अपनी बारी की इंतजार करते रहे। यह सिलसिला तड़के तीन बजे से जारी रहा। वैसे महाशिवरात्रि पर्व में स्नान के बाद दीपदान करने की परंपरा कई सौ वर्षों पहले से ही चली आ रही है। इस परंपरा और श्रद्धा का पालन आज भी श्रद्धालुओं को करते देखा गया। नदी की धारा में दोने में रखा दीपक की लौ किसी जुगनू की भांति चमकती नजर आई। कई महिलाओं ने रेत का शिवलिंग बना कर बहुत ही श्रद्धा के साथ बेल पत्ता, धतुरा के फूल चढ़ाकर आरती भी की। मान्यता के अनुसार यहां कई भक्तों ने नदी अपने बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया। श्रीकुलेश्वर मंदिर क्षेत्र में जगह-जगह पंडितों का हुजूम भी लगा हुआ था, जहां भगवान श्री सत्यनारायण और शिवजी की कथा भी श्रद्धालुजन करा रहे थे।
महाशिवरात्रि पर संगम स्नान का है खास महत्व
वैसे तो पर्व व त्यौहार में स्नान का अपना अलग महत्व होता है, लेकिन महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी संगम में स्नान करने का खास कारण है। बताया जाता है महाशिवरात्रि में किसी भी प्रहर अगर भोले बाबा की प्रार्थना की जाए, तो मॉ पार्वती और भोलेनाथ सीधे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शंकर के शरीर पर शमशान की भस्म गले में सर्पों का हार, कंठ में विष, जटाओं में पावन गंगा तथा माथे में प्रलयंकारी ज्वाला उनकी पहचान है। माना जाता है कि महानदी, सोंढूर, पैरी के संगम में स्नान करने से तन पवित्र तो होते है बल्कि मन की मलिनता दूर हो जाती है। इस दिन संगम की सूखी रेत पर सूखा लहरा लेने की भी परंपरा है। विश्वास है कि भोलेनाथ वेश धारण कर मेले का भ्रमण करते हैं।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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