रायपुर : छात्रावास-आश्रमों में बच्चों को सर्वाेच्च प्राथमिकता से उपलब्ध कराए अच्छी सुविधाएं

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छात्रावास-आश्रमों के सुव्यवस्थित संचालन हेतु मास्टर ट्रेनर्स का तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित छात्रावास एवं आश्रमों के अधीक्षकों के लिए ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा रायपुर तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। यह प्रशिक्षण 10 जून तक दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण छात्रावास-आश्रमों के सुचारू संचालन के लिए दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम चरण में आज 56 छात्रावास अधीक्षक एवं 14 सहायक संचालकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में विभाग द्वारा प्रदेश में 3294 छात्रावास-आश्रम संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 2774 अनुसूचित जनजाति, 483 अनुसूचित जाति एवं 37 अन्य पिछड़ा वर्ग के है। प्री-मैट्रिक छात्रावास-आश्रमों में प्रवेशित छात्र-छात्राओं को वर्तमान में 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से शिष्यवृत्ति प्रदान की जा रही है। सरकार की घोषणा के अनुसार इस वित्तीय वर्ष से इस शिष्यवृत्ति को बढ़ाकर 1500 रूपए प्रतिमाह किए जाने का बजट प्रावधान किया गया है।

प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को सम्बोधित करते हुए अपर संचालक श्री जितेन्द्र गुप्ता ने कार्यशाला का महत्व बताते हुए कहा कि माता-पिता बहुत ही विश्वास के साथ अपने बच्चों को छात्रावास, आश्रमों में प्रवेश करवाते हैं, अतः छात्रावास अधीक्षकों को उन्हें बेहतर अनुशासन के साथ-साथ सभी आधारभूत सुविधाएं पूरी कर्तव्यनिष्ठता से उपलब्ध करवानी चाहिए। बच्चों में स्वच्छता की आदतें विकसित करना, संस्था में साफ-सुथरा रसोई घर, पौष्टिक भोजन, शौचालय की साफ-सफाई, संस्था में बिजली-पानी का मितव्ययी उपयोग आदि पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा संस्था में उपलब्ध कैश बुक, उपस्थिति पंजी सहित अन्य सभी अभिलेखों का उचित संधारण किया जाना चाहिए। संयुक्त संचालक श्री जी.आर. मरकाम द्वारा भी अधीक्षकों द्वारा व्यक्त की गई समस्याओं और शंकाओं के समाधान हेतु उचित मार्गदर्शन दिया गया।

इसके अलावा कार्यशाला में अपर संचालक श्री आर.एस. भोई द्वारा छात्रावास-आश्रमों में नवाचार, आदर्श छात्रावास-आश्रमों के निर्माण विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। एनआईसी के सीनियर प्रोग्रामर श्री सौरभ वर्मा, द्वारा ऑनलाईन शिष्यवृत्ति एवं ऑनलाईन छात्रावास निरीक्षण पोर्टल पर जानकारी दी गई। इसके साथ ही अधीक्षक श्री लखन लाल वारते द्वारा छात्रावास आश्रम नियम, अधीक्षकों के दायित्व एवं अधीनस्थ कर्मचारियों की व्यवस्था एवं स्वच्छ छात्रावास-आश्रम परिसर, छात्रावास अध्ययन-अध्यापन गतिविधियों में वृद्धि के संबंध में बताया गया। प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरोना कांकेर श्री रमेश कुमार निषाद द्वारा छात्रावास-आश्रमों के अभिलेखों का संधारण और अधीक्षिका कन्या आश्रम इंदौरी जिला कबीरधाम श्रीमती चम्पा देवी वारते द्वारा कन्या छात्रावास-आश्रमों के संदर्भ में प्रबंधन, निगरानी समिति का गठन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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