रायपुर : विशेष लेख : मातृ शक्ति को सशक्त कर रही है साय सरकार

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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। सरकार महिलाओं के सिर्फ विकास की ही नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और सशक्तिकरण की सरकार बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास का जिम्मा महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े को सौंपा है। जिसे श्रीमती राजवाड़े बखूबी निभा रही हैं।

छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना के माध्यम से, जब लाखों महिलाओं को आर्थिक सहायता और आत्मनिर्भरता का सहारा मिला, तो यह केवल एक वित्तीय मदद नहीं, बल्कि महिलाओं के अधिकार, आत्मविश्वास और उनकी शक्ति को पहचानने का एक मार्ग है। मार्च 2024 से दिसम्बर 2024 तक, 70 लाख महिलाओं के खाते में 6530.41 करोड़ रुपये की राशि पहुंचाई जा चुकी है। यह योजना अब सिर्फ एक राज्य की योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है, जहां महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने घर-परिवार में भी निर्णय लेने में बराबरी का हक महसूस कर रही हैं।
प्रदेश के 31 जिलों में 201 पालना केंद्रों की स्थापना से कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल का सशक्त समाधान मिला है। ये केंद्र केवल सुविधा नहीं, बल्कि हर बच्चे के अधिकार की रक्षा का एक माध्यम हैं। बालकों के भविष्य को मजबूत करने के लिए, डबल इंजन सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के उन्नयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

छत्तीसगढ़ के बच्चों को पोषण, शिक्षा और समुचित देखभाल देने के लिए 4750 आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाया गया है। इनमें बच्चों को न केवल पोषण दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें  BaLA (Building as Learning Aid)  के माध्यम से शिक्षा और कौशल के अवसर भी मिल रहे हैं। एलईडी टीवी और पोषण वाटिका जैसी सुविधाएं बच्चों और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध वातावरण बना रही हैं। 530 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति पिछले 10 माह में की गई और 4900 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में उन्नत किया गया, जिससे वहां अतिरिक्त व्यवस्थाओं का विस्तार हुआ। लक्ष्मी राजवाड़े के नेतृत्व और विष्णु देव साय जी के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी अधोसंरचना से संबंधित डप्ै पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल के बन जाने से आंगनबाड़ी केन्द्रों की अधोसंरचना संबंधी सभी जानकारी जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय, निर्माण संबंधी नियोजन, कार्य की प्रगति का अनुश्रवण आदि मुख्य आधारभूत जानकारी राज्य स्तर पर एक क्लिक पर उपलब्ध है।

छत्तीसगढ़ में कुपोषण पर प्रहार करते हुए सरकार ने पोषण ट्रैकर ऐप के माध्यम से 0 से 5 वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखी और कुपोषण की दर में ऐतिहासिक गिरावट हासिल की। एक नेतृत्व तब सशक्त होता है, कमजोर वर्ग के बारे में सोचता है और उनके जीवन में वास्तविक बदलाव लाता है। बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) और महिला हेल्पलाइन (181) का संचालन 24/7 हो रहा है। साथ ही, हर जिले में वन स्टॉप सेंटर्स का विस्तार कर एक मजबूत और सुरक्षित नेटवर्क तैयार किया गया है, जो हर संकट में नागरिकों के लिए एक आश्रय बन कर खड़ा है। यह सुरक्षा केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और साहस का प्रतीक है।

भारत सरकार की मिशन शक्ति योजना के तहत राज्य महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) की स्थापना की गई है, जो महिलाओं के लिए समर्पित योजनाओं में प्रभावी समन्वय और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करती है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत, अब 50 हजार रुपये में से 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में भेजे जाते हैं, और शेष 15 हजार रुपये सामूहिक विवाह आयोजन पर खर्च होते हैं। इस साल अब तक 6543 कन्या विवाह सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं। वहीं, पी.एम. जनमन योजना के तहत 17 जिलों में 48 हजार पिछड़ी जनजाति परिवारों का सर्वे किया गया। इस पहल के अंतर्गत 70 नए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है, 54 भवन निर्माणाधीन हैं और 2024-25 में 95 और केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों में 132 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। बालक कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड के अंतर्गत राज्य के 33 जिलों में अध्यक्ष, सदस्य और सामाजिक सदस्य पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन और साक्षात्कार प्रक्रिया चल रही है, जिससे बच्चों और किशोरों की भलाई और सुरक्षा के लिए एक मजबूत संरचना तैयार हो रही है।

डबल इंजन सरकार ने 27 नवंबर 2024 से बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरुआत की है। यह सिर्फ एक कानून का कार्यान्वयन नहीं, बल्कि समाज की मानसिकता को बदलने का अभियान है। हर गांव और कस्बे में बाल विवाह के खिलाफ जनजागरूकता फैलाते हुए, सरकार द्वारा ने एक आदर्श स्थापित किया है। विष्णु के सुशासन के एक वर्ष में छत्तीसगढ़ में नया आत्मविश्वास, एक नया विश्वास और एक नई दिशा दिखती है। मुख्यमंत्री श्री साय की नीतियों और योजनाओं ने छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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