धमतरी : प्रयास जरा हट के ……….

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जिले में जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए हुए सराहनीय प्रयास

कुरूद विकासखंड के कन्हारपुरी में बना प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर

वृहद जल जगार महोत्सव 5 एवं 6 अक्टूबर को आयोजित होने जा रहा

धमतरी, 27 सितम्बर 2024

आज के इस आधुनिक दौर में जल एवं जंगल के अंधाधुंध दोहन के चलते हमारी धरती के पानी के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है, जिसका असर हाल ही में गर्मी के मौसम में कई बड़े शहरों में देखने को मिला है। लोग पानी के लिए किस तरह परेशान हुए है, वह भी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया में देखने को मिला है। जिले में जल की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु अनेक सराहनीय प्रयास किये है, जिनमें से एक है अमृत सरोवरों का निर्माण। जिले के चारों विकासखण्ड में कुल 119 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इनमें धमतरी विकासखण्ड में 23, कुरूद मे 38, मगरलोड में 29 और नगरी विकासखण्ड में 29 अमृत सरोवर शामिल है।

धमतरी जिले के ग्राम कन्हारपुरी में निर्मित किये गये अमृत सरोवर को प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस तालाब की खास बात यह है कि जितनी लागत इस सरोवर को बनाने में आयी, उससे अधिक आय भी पंचायत को हुई। यह संभव हो पाया संसाधनों के बेहतर उपयोग से। जहां एक ओर इस तालाब ने किसानों के लिए सिचाई सुविधा का एक नया रास्ता खोला दिया। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को सालभर निस्तारी की समस्या से भी मुक्ति मिल गयी, और भूमि का जलस्तर बना रहा। गौरतलब है कि धमतरी जिले में रेलवे द्वारा ब्राडगेज का काम किया जा रहा है। ग्राम कन्हारपुरी व आसपास में रेलवे को पटरी बिछाने के कार्य हेतु मुरुम व मिट्टी की आवश्यकता थी। रेल्वे विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर कन्हारपुरी ग्राम पंचायत के साथ मिट्टी निकालने का एग्रीमेंट कराया गया। मिट्टी गांव के मुरा तालाब में उस जगह से निकाली गई, जहां तालाब गहरीकरण का कार्य होना था। रेलवे के माध्यम से तालाब की आवश्यकतानुसार खुदाई कार्य कराया गया जिससे तालाब की पूरी तस्वीर ही बदल गई। इतने बड़े क्षेत्रफल में अब तक प्रदेश में कहीं भी अमृ सरोवर का तालाब नहीं बना है। इस तालाब में बारिश के मौसम में पानी के भराव के साथ ही हरियाली की चादर बिछी नजर आ रही है। तालाब के आसपास के 46 किसानों की 70 एकड़ फसल को सिंचाई की जा सकेगी। इन किसानों को सिंचाई की कोई चिंता नही रहेगी। इधर रेलवे के साथ एग्रीमेंट किया गया था कि गांव से मिट्टी निकालने के बदले रायल्टी की राशि पंचायत में जमा की जाएगी। इस एग्रीमेंट के तहत रेलवे विभाग के कन्हारपुरी करीब 12 लाख रुपए हैं जो पंचायत में जमा करेगा। इस राशि से गांव के विकास की अलग से कार्य योजना तैयार की जाएगी। कन्हारपुरी के मुरा तालाब का कुल रकबा 09 एकड़ है। गहरीकरण के पहले इस तालाब की जलधारण क्षमता महज 32 हजार 400 घनमीटर थी जो अब 57 हजार 800 घनमीटर हो गई है।

इन्हीं कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल जगार महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है। इस महोत्सव में जिले के 108 अमृत सरोवरों के जल से रूद्राभिषेक, हाफ मैराथन, आसमान से कहानी, आकर्षक एवं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, नवरात्रि मेला, कबाड़ से जुगाड़, रंगोली प्रतियोगिताएं इत्यादि आयोजित की जाएंगी। कलेक्टर सुश्री गांधी ने इस वृहद आयोजन में अधिक से अधिक सम्मिलित होकर जल संरक्षण में अपनी सहभागिता निभाने की अपील लोगों से की है।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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