रायपुर : मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से आशा को मिला नया जीवन

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सिकलसेल से जूझ रही आशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए मिली 20 लाख की आर्थिक सहायता

रायपुर, 26 नवम्बर 2024

जब जीवन में हर तरफ अंधेरा दिखाई देने लगे तब  उम्मीद के एक छोटी सी रोशनी भी पूरे जीवन को प्रकाशवान कर जाती है। ऐसी ही कहानी है कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रेमते में रहने वाली 15 साल की आशा चक्रेश की। सिकलसेल से पीड़ित आशा के जीवन में कई उतार चढ़ाव आये पर कहीं भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। यहां पर आशा के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना एक नई उम्मीद बन कर आई।

आशा को जन्म से ही सिकलीन की बीमारी है। यह जानकारी मजदूर माता पिता के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। चिकित्सकों ने बताया था कि आशा को  सिकलसेल की बीमारी का वह प्रकार है जो 10 लाख लोगों में एक व्यक्ति को होने वाली बीमारी है। इस संबंध में आशा की माता बिमला बाई चक्रेश ने बताया कि आशा के पिता स्व. मंगलराम चक्रेश उसके स्वास्थ्य और इलाज के लिए हमेशा चिंतित रहा करते थे। आशा के ईलाज के लिए दंपत्ति ने अपनी छोटी सी बचत और आयुष्मान भारत योजना की सहायता से कई अस्पतालों का चक्कर लगाया। रायपुर से लेकर इंदौर, मुंबई सभी जगह आशा की जांच कराने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी थी।

बचपन से हर महीने आशा को खून चढ़ाने अस्पताल का चक्कर लगाना ही पड़ता था और इसका खर्च भी वहन करना पड़ता था। ऐसे में एक दिन एक दुखद दुर्घटना में पिता मंगलराम का भी निधन हो गया। इस हालात में आशा का आगे का इलाज असंभव लगने लगा था। एक दिन जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल कैम्प आयोजित किया गया था जहां जांच उपरांत चिकित्सकों ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। हमारे लिए इसका खर्च उठा पाना संभव नहीं था तब जिला प्रशासन से जांच हेतु 01 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई, जिससे रायपुर जाकर जांच संभव हो सका। परन्तु महंगे ईलाज की समस्या अभी भी बनी हुई थी।

चिकित्सकों ने उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी दी। जहां से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवेदन को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कार्यालय भेजा गया। त्वरित कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकृति प्रदान करते हुए ईलाज के लिए 20 लाख रुपये प्रदान किया गया। जिसके बाद रायपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए दाता की पहचान की गई। दाता का सैम्पल मैच होने पर आशा का बोन मैरो ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद आशा को नया जीवन प्राप्त हुआ। इस नए जीवन के लिए आशा और उनकी माता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया और कहा कि यदि मुख्यमंत्री जी से सहायता ना मिलती तो शायद आशा का जीवन बचा पाना उनके लिए संभव नहीं होता।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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