रायपुर : तीरंदाजी का तीर निशाने पर

0
1687956864_4f76d501d84ed316dc8a

एकलव्य जैसी प्रतिभाओं को अकादमियों के माध्यम से मिल रहे द्रोण जैसे गुरु

राज्य में तीरंदाजी के लिए अच्छी अधोसंरचना तैयार, 126 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था

महाभारत की चर्चित कथा है अपने वन्य प्रदेश में गुरु नहीं होने की वजह से एक छात्र एकलव्य गुरु द्रोणाचार्य की मूर्ति बनाता है और उसे सामने रखकर तीरंदाजी का अभ्यास करता है। कुछ बरसों पूर्व तक छत्तीसगढ़ में भी एकलव्य जैसी प्रतिभाओं के विकास के लिए किसी तरह की एकेडमी नहीं थीं द्रोण की तरह शिक्षक नहीं थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने खेलों की आधारभूत संरचना तैयार करने की पहल की और तीरंदाजी की तरह ही अन्य खेलों के प्रतिभाशाली एकलव्य जैसे हजारों युवाओं के लिए राह आसान हुई। भारत के संदर्भ में देखें तो तीरंदाजी स्पर्धाओं में आदिवासी इलाकों से ही अधिक संख्या में प्रतिभाओं ने अंतरराष्ट्रीय मंच में भारत का नाम बढ़ाया है। इसके चलते छत्तीसगढ़ में भी इस क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत थी।
126 युवाओं के लिए आवासीय-गैर आवासीय तीरंदाजी प्रशिक्षण की व्यवस्था- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में तीरंदाजी के लिए खास तौर पर अधोसंरचना तैयार की गई है। राज्य स्तर पर हुई स्पर्धाओं में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इनकी प्रतिभा को नये सिरे से गढ़ने की व्यवस्था की गई। बिलासपुर के बहतराई में तीरंदाजी एकेडमी आरंभ हुई। यह पूरी तरह से आवासीय एकेडमी थी। आवासीय एकेडमी होने की वजह से दिन का अधिकांश समय प्रैक्टिस में व्यतीत होता है और यह सेंटर सेंटर आफ एक्सीलेंस बन गया। खेलो इंडिया प्रतियोगिता में यहां के खिलाड़ियों ने कमाल किया। कुबेर जगत को स्वर्ण पदक मिला और गीता यादव को रजत पदक। तीरंदाजी से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि तीरंदाजी के लिए एकाग्रता  के साथ ही दृश्य संतुलन और शारीरिक संतुलन का बहुत महत्व होता है। किस तरह से शारीरिक संतुलन रखकर बेहतर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है इसके लिए कोचिंग की बड़ी मदद होती है। इसके साथ ही न्यूट्रीशन का भी बहुत महत्व होता है। रायपुर तीरंदाजी अकादमी में इसके लिए विशेष रूप से न्यूट्रिस्ट का पद सृजित किया गया है। इसके साथ ही शिवतराई उपकेंद्र में 54 खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण की सुविधा है। रायपुर में गैर आवासीय तीरंदाजी अकादमी बनाई गई है। यहां 60 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था है।
प्रस्तावित अकादमियों के माध्यम से 70 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण- तीरंदाजी में प्रतिभाओं को निखारने के लिए राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर में शहीद गुंडाधुर तीरंदाजी अकादमी आरंभ करने की घोषणा की। 40 सीटर यह अकादमी पूरी तरह आवासीय होगी। इसके माध्यम से 40 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिल सकेगा। जशपुर में तीरंदाजी एकेडमी 30 सीटर प्रस्तावित है। यह भी पूरी तरह आवासीय होगी।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।