मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आठवां चरण 15 जून से, राज्य स्तरीय कार्यशाला में अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

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अभियान के लिए 23 जिलों में बनाई गई है 2854 टीमें

सभी जिलों में सघन कुष्ठ खोज अभियान भी होगा संचालित

प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का आठवां चरण 15 जून से शुरू होगा। इसके लिए 23 जिलों में 2854 टीमें गठित की गई हैं। प्रदेश के सभी जिलों में 15 जून से सघन कुष्ठ खोज अभियान भी संचालित किया जाएगा। राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित आज एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में इस संबंध में अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं के नए संचालक श्री जयप्रकाश मौर्य भी कार्यशाला में शामिल हुए।

कार्यशाला में विभिन्न जिलों के जिला मलेरिया अधिकारी, जिला कुष्ठ अधिकारी तथा जिला वीबीडी (Vector-born Diseases) सलाहकारों को मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान-सह-सघन कुष्ठ अभियान के दौरान संचालित की जाने वाली मलेरिया व कुष्ठ नियंत्रण की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें कुष्ठ रोग की पहचान व उपचार के लिए दिशा-निर्देशों के पालन, ज़िला स्तर पर मितानिनों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले इन्सेन्टिव तथा वित्तीय प्रबंधन के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के दौरान वेक्टर नियंत्रण गतिविधि, आरडी किट के माध्यम से मलेरिया जांच व पूर्ण उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता तथा दवा वितरण के पश्चात मरीज़ के फॉलो-अप के विषय मे जानकारी दी। मलेरिया रिपोर्टिंग के लिए प्रयुक्त सन्दर्भन पंजी की प्रविष्टि की जानकारी भी कार्यशाला में दी गई। अभियान के दौरान स्थानीय लोगों को एलएलआईएन मच्छरदानी के उपयोग व रखरखाव के लिए जागरूक करने हेतु संदेश प्रेषित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी कार्यशाला में दिए गए।

स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री जयप्रकाश मौर्य ने कार्यशाला में कुष्ठ और मलेरिया उन्मूलन के लिए प्रदेश में संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कुष्ठ के संदिग्ध मरीजों की समय पर पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भौगोलिक व सांस्कृतिक दृष्टि से भिन्न है। इसलिए रोगों के रोकथाम, नियंत्रण, निदान व समुदाय को जागरूक करने के लिए दृष्टिकोण भी अलग होना चाहिए। उन्होंने रोगों के नियंत्रण व बचाव के लिए समुदाय आधारित कार्यक्रम चलाए जाने पर जोर दिया है।

मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान में 22 लाख लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य

प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के आठवें चरण में करीब 22 लाख लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कुल 2854 टीमों का गठन किया गया है। मलेरिया से अधिक प्रभावित बस्तर संभाग में 1539 और अन्य 16 ज़िलों में 1315 टीमें गठित की गई हैं। अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व मितानिन डोर-टू-डोर जाकर मलेरिया, कुष्ठ रोग व नेत्र रोग की जांच करेंगे। वे लोगों को मलेरिया से बचाव के उपायों की भी जानकारी देंगे।

बलरामपुर : 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाना अनिवार्य बलरामपुर 22 जनवरी 2025/ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि कार्यालय परिवहन आयुक्त नवा रायपुर के द्वारा 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाये जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी ने आम नागरिकों से कहा है कि जिनका भी वाहन 01 अप्रैल 2019 से पूर्व पंजीकृत है वह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह अपने वाहन में लगवायें। अपने वाहनों में सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लिए परिवहन विभाग के वेबसाईट सीजी ट्रांस्पोर्ट डॉट जीओव्ही डॉट ईन में जाकर ऑनलाईन आवेदन कर अपने नजदीकी वाहन डीलर से 19 मार्च 2025 तक लगवा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरणर चिन्ह नहीं लगवाने पर मोटर अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने के लाभ जिला परिवहन अधिकारी ने बताया है कि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगवाने से वाहन मालिकों को कई लाभ प्राप्त होते हैं। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट सभी वाहन को एक यूनिक पहचान देते हैं, जिससे वाहन के मालिक का पता लगाना आसान होता है। साथ ही यह अपराधों के रोकथाम और जांच में मददगार होता है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह नम्बर प्लेट को निकाला नहीं जा सकता, जिससे वाहन चोरी होने की आशंका कम होती है। साथ ही कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाईट पड़ने पर अंक और अक्षर चमकते हैं और सीसीटीवी कैमरा में आसानी से चिन्हांकित हो जाता है।

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