शार्दुल हुए “लॉर्ड” ऑफ क्रिकेट क्लब में शामिल, ब्रेडमैन सहित तीन ही कर सके हैं कारनामा

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जारी WTC Final में अगर भारत तीसरे दिन फॉलोऑन टालने में सफल रहा, तो उसमें शार्दुल ठाकुर के 51 रनों का बहुमूल्य योगदान रहा.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लंदन के ओवल स्टेडियम में जारी WTC Final मुकाबले के तीसरे दिन अगर टीम इंडिया फॉलोऑन टालने के लिए जरूरी 270 रन का आंकड़ा छूने में सफल रही, तो उसमें अजिंक्य रहाणे  के अलावा शार्दुल ठाकुर (51) का अहम योगदान रहा. लॉर्ड के निकनेम से मशहूर शार्दुल  ने जरूरत के समय अहम अर्द्धशतक ही नहीं जड़ा, बल्कि रहाणे के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 109 रन जोड़कर यह सुनिश्चित किया कि कम से कम भारत को WTC Final में फॉलोऑन देखने का नीचा तो नहीं ही देखना पड़ेगा. ठाकुर ने पहली पारी में बॉलिंग में भी जलवा बिखेरते हुए दो विकेट चटकाए थे, लेकिन बैटिंग में उन्होंने ठीक वैसा ही काम किया, जिसके लिए फैंस या सोशल मीडिया ने उन्हें लॉर्ड ठाकुर का नाम दिया है. बहरहाल, शार्दुल ने खेली 51 रन की पारी से क्रिकेट इतिहास में वह कारनामा कर दिखाया, जो उनके अलावा सर डॉन ब्रेडमैन और एलन बॉर्डर ने ही किया है. कहा जा सकता है कि लॉर्ड ठाकुर ने खास मामले में अब वास्तव में खुद को क्रिकेट के लॉर्ड कहे जाने वाले सर डन ब्रेडमैन के क्लब में शामिल कर लिया है.

और यह कारनामा रहा किसी भ्रमणकारी टीम के सदस्य का द ओवल के मैदान पर लगातार पारियों में पचास से ऊपर का स्कोर करना. शुक्रवार को बनाए गए 51 रन से पहले शार्दुल ने साल 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट की दोनों पारियों में अर्द्धशतक जड़े थे. तब ठाकुर ने 57 औ 60 रन बनाए थे. और अब यह तीसरा शतक जड़कर उन्होंने द ओवल में लगातार तीन अर्द्धशतक बनाकर  सर डॉन ब्रेडमैन और एलन बॉर्डर की बराबरी कर ली.

सर डॉन ने साल 1930-34 के बीच ओवल में लगातार तीन अर्द्धशतक बनाए थे, तो उनके बाद उन्हीं के देश के एक और पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने साल 1985-89 के बीच यह कारनामा किया था. लेकिन शार्दुल एक मामले में इन दोनों से बेहतर इसलिए रहे कि ठाकुर ने गेंदबाजी में भी हाथ दिखाते हुए विकेट झटक लिए

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