भारत की स्थायी सदस्यता के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विस्तार का समय आ गया : राजनाथ सिंह

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फिलहाल सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 निर्वाचित अस्थायी सदस्य होते हैं. स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं, जबकि अस्थायी सदस्य दो साल के लिए निर्वाचित होते हैं.

नई दिल्‍ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार की मंगलवार को जोरदार पैरवी करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र के निकायों को और अधिक लोकतांत्रिक एवं हमारे समय की हकीकतों का द्योतक बनाया जाए. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के 75 वें साल के अवसर पर यहां आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता नहीं मिलती है, तो यह इस वैश्विक संगठन की ‘नैतिक वैधता को कमजोर” करेगा. उन्होंने इस कार्यक्रम में मंच पर आसीन संयुक्त राष्ट्र के स्थानीय समन्वयक शोम्बी शार्प की उपस्थिति में यह बात कही.

अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने कहा, “शांतिसैनिकों के सामने नजर आ रही चुनौतियों का स्वरूप बदल रहा है, ऐसे में नवोन्मेषी पहल तथा जिम्मेदार देशों के बीच सहयोग में वृद्धि की जरूरत है. हमें प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और संसाधनों में निवेश करना चाहिए, ताकि हमारे शांतिसैनिक सुरक्षित एवं प्रभावी रहें.” उन्होंने शांति अभियानों में महिलाओं की सार्थक भागीदारी की पैरवी करते इस बात पर बल दिया कि संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में मिशन के दौरान उनके विशेष योगदान को सराहा जाना चाहिए.

पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ‘यूएन ट्रूस सुपरविजन ओर्गनाइजेशन’ 29 मई, 1948 में फलस्तीन में शुरू हुआ था. राजनाथ सिंह ने यह भी कहा, “यदि हम अतीत का स्मरण करते हैं, तो हमें भविष्य की ओर भी देखने की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि पूरे संयुक्त राष्ट्र परिवेश पर नजर डालना महत्वपूर्ण है और यह देखने की जरूरत है कि उसमें सुधार लाने के लिए क्या किया जा सकता है.

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