फैंसिंग तार बनाना बन गया आजीविका का आधार

0
1686240096_b0fa58e0ddb438d51aa4

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ग्रामीण इलाकों में गौठानों को आजीविका का केन्द्र बनाने के लिए वहां स्थापित महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के माध्यम से रोजगार व्यवसाय के लिए सहूलियतें बढ़ी हैं, जिसके चलते महिला समूह और युवा उद्यमी विभिन्न प्रकार के रोजगार व्यवसाय को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में पूरे मनोयोग से जुट गए हैं। रीपा के माध्यम से रोजगार व्यवसाय के लिए बुनियादी अधोसंरचना एवं सुविधाओं से रोजगार व्यवसाय को संचालित करने में मदद मिली है।  बालोद जिले के गुरूर विकासखंड के चिटौद गौठान के रीपा में समूह की महिलाओं शासन से मिले मार्गदर्शन एवं मिले मदद की बदौलत फैंसिंग तार निर्माण का कार्य शुरू किया है, जो आज उनकी आजीविका का आधार बन गया है।
गौतलब है कि चिटौद के रीपा में माँ वैष्णवी स्वसहायता समूह की 08 महिलाएं फैसिंग तार बनाने का कार्य कर रही हैं। इसकी बिक्री से नियमित रूप से आमदनी प्राप्त होने के कारण महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर एवं सशक्त हो रही हैं। माँ वैष्णवी स्व-सहायता समूह की महिलाओं को अब तक 06 लाख 74 हजार 504 रुपए की तार फैंसिंग बिक्री से 01 लाख 33 हजार 706 रुपए का शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है। इस तरह से समूह के प्रत्येक सदस्य को 16 हजार 713 रूपये का शुद्ध लाभ हुआ है।

मां वैष्णवी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती रेश्मा साहू बताया कि फैंसिंग तार निर्माण से हमें गांव में ही रोजगार मिलने लगा है, जिसके कारण हमें रोजी-रोटी की तलाश में बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ रही है। उन्होंने बताया कि समूह की सभी सदस्य फैसिंग तार बनाने का विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त किया है। हमारे द्वारा तैयार फैंसिंग तार की बिक्री नियमित रूप से हो रही है। आस-पास के किसान भी हमसे फैंसिंग तार खरीद रहे हैं, इससे हमारा आत्म विश्वास बढ़ा है और इस काम के प्रति रूचि बढ़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *