भारतीय महिला टीम ने विश्व तीरंदाजी चैंपियशिप में जीता देश के लिए पहला स्वर्ण पदक

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भारत की आर्चरी टीम ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जारी विश्व तीरंदाजी चैंपियशिप में इतिहास रच दिया। ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने मेक्सिको को हराकर स्वर्ण पदक जीता और भारत के लिए 42 साल के सूखे को खत्म कर दिया। इस जीत के साथ ही भारत ने इस विश्व कप में अपने पदक का खाता खोला। भारत ने 1981 में पुंटा अला (इटली) में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप की शुरुआत के बाद यह पहली बार तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। भारत ने पिछली बार नीदरलैंड में हुई 2019 की तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में पदक जीता था। तरुणदीप राय, अतनु दास और प्रवीण जाधव की पुरुष टीम ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।

टॉप टीम मेक्सिको पर भारत की एकतरफा जीत

भारतीय महिला टीम ने एकतरफा फाइनल मुकाबले में टॉप सीड मेक्सिको को 235-229 से हराकर विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। भारत ने इससे पहले सेमीफाइनल में कोलंबिया और क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपै को हराया था। इससे पहले विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में भारत चार बार और गैर-ओलंपिक कंपाउंड वर्ग में पांच बार फाइनल में हार चुका है। इस ऐतिहासित जीत के बाद टीम की मेंबर ज्योति ने कहा, हमने काफी सिल्वर मेडल जीते थे और हमने कल सोच लिया किया था कि अब हम स्वर्ण जीतेंगे। यह एक शुरुआत है, हम और अधिक पदक जीतेंगे।

आपको बता दें कि हाल ही में अंडर-18 विश्व चैंपियन बनने वाली 17 साल की अदिति इस टीम की सबसे जूनियर सदस्य हैं। उन्होंने इस जीत के बाद कहा कि, देश के लिए पहला पदक जीतना और भारतीय ध्वज को लहराते देखना एक स्पेशल मोमेंट है। ऐसे समय में जब भारतीय रिकर्व तीरंदाजों का ग्राफ गिर रहा है, तो गैर ओलंपिक कंपाउंड वर्ग में इस जीत से टीम का हौसला बढ़ेगा। गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट में भारत के सभी रिकर्व तीरंदाज पदक की दौड़ से बाहर हो गए हैं। धीरज बोम्मदेवरा और सिमरनजीत कौर के गुरुवार को प्री-क्वार्टर फाइनल से बाहर होने रिकर्व वर्ग में भारत की चुनौती खत्म हो गई है।

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