अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय वेबीनार

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय वेबीनार में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का दिन अक्षरों के अलख जगाने का दिन है। अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है। अक्षर ज्ञान के प्रकाश से अपने और समाज के जीवन में सुख और समृद्धि फैलाने का संकल्प लेने का दिन है। वास्तव में अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है जहां से ज्ञान के अनंत रास्ते खुलते है। राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में किया गया। वेबीनार में 15 हजार से अधिक व्यक्ति शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है आज का दिन देश में साक्षरता के वर्तमान सोपान पर गर्व करने का दिन है। लगभग एक चौथाई आबादी को साक्षर बनाने के बारे में चिंतन और प्रण करने का दिन है। इसके लिए व्यक्तिगत रूचि और सामूहिक प्रयासों की बड़ी आवश्यकता है। व्यापक जनभागीदारी से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जाएगा यह अभियान 5 वर्ष तक चलेगा। इस कार्यक्रम में अशिक्षित व्यक्तियों को बुनियादी साक्षरता एवं अंक ज्ञान प्रदान करने के साथ उन्हें जीवन में आने वाले कुशलता के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नवाचारी कार्यक्रमों की देश में लगातार सराहना की जा रही है। हमें प्रदेश के एक चौथाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने की दिशा में निरंतर कार्य करना है। उन्होंने प्रदेशवासियों को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुभकामनाएं भी दी।
स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि साक्षरता वह शक्ति है जिससे हम बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। शिक्षा हमारे जीवन में बदलाव लाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रौढ़ शिक्षा और जीवन पर्यन्त शिक्षा को महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि अब प्रौढ़ शिक्षा के स्थान पर “सबके लिए शिक्षा” का उपयोग किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा प्रदेश में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री श्री चौबे ने प्रदेश के सभी नागरिकों, शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण, समग्र शिक्षा, एससीईआरटी व राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण सहित सभी निकायों, शिक्षकों से अनुरोध किया है कि वे स्वयंसेवी भावना से स्वयंसेवी शिक्षक बनकर शिक्षा से वंचित व्यक्तियों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अपना अमूल्य योगदान दें।

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